Exclusive: ‘ऐसी हिंसा मैंने जिंदगी में नहीं देखी…’, मणिपुर बर्बरता पर आर-पार शो में राज्यपाल अनुसुइया उइके

नई दिल्‍ली. मणिपुर में भीड़ द्वारा पुलिस की कस्‍टडी से दो बहनों को कब्‍जे में लेने के बाद उन्‍हें नग्‍न अवस्‍था में घुमाने और फिर गैंगरेप करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले पर न्‍यूज18 के मैनेजिंग एडिटर अमीश देवगन ने आर-पार शो में मणिपुर की राज्‍यपाल अनुसुइया उइके से बातचीत की. उन्‍होंने इस घटना को शर्मसार करने वाला बताया. गर्वनर ने कहा कि जबसे उन्‍हें इस घटना की जानकारी मिली है, वो काफी दुखी हैं. उन्‍होंने कहा, ‘यहां के लोग भी सद्भावना के साथ रहते हैं. यकीन नहीं हो रहा की यह घटना यहां हो सकती हैं.’

गवर्नर ने इस पूरे प्रकरण पर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए. उन्‍होंने कहा, ‘यह घटना 4 मई की है और 18 तारीख को इसपर रिपोर्ट दर्ज की गई है. इतने दिनों तक पता नहीं क्यों पुलिस ने इसपर संज्ञान नहीं लिया. आज DGP को मैंने बुलाया था, पूरी जानकारी ली. जैसे ही यह वायरल हुआ, उसके बाद सबको पता चला. एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया.’

थाने के इंचार्ज पर कार्रवाई हो
राज्‍यपाल ने थाने के इंचार्ज पर कार्रवाई की मांग भी की. उन्‍होंने कहा, ‘थाने का जो भी इंचार्ज हैं उनपर भी कार्रवाई होनी चाहिए. पुलिस के द्वारा इन दोनों बहनों को ले जाया जा रहा था. पुलिस से छीन कर ये लोग उन्‍हें ले गए. जिसके साथ ऐसा हुआ होगा. उनकी मानसिक स्थिति कैसी रही होगी.’

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प्रधानमंत्री जी को सख्‍त कार्रवाई करनी चाहिए
मणिपुर की राज्‍यपाल अनुसुइया उइके ने आगे कहा, ‘मैं इसकी निंदा करती हूं. चाहे कोई भी हो, इसमें राजनीति बिलकुल नहीं होनी चाहिए. कोई भी बहन हो, इस देश की बेटी हो, ऐसा नहीं होना चाहिए. मैं चाहूंगी की प्रधानमंत्री जी, गृह मंत्री जी को दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई, इस बात का मुझे दुख है. जो भी जिम्मेदार हैं, सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. मैंने यह निर्देश DGP को दिया है.

क्‍या है मणिुपर की ग्राउंड रियलिटी?
न्‍यूज18 के मैनेजिंग एडिटर अमीश देवगन ने इसके बाद मणिपुर की ग्राउंड रियलिटी के बारे में राज्‍यपाल से सवाल पूछा. इसपर उन्‍होंने कहा, ‘देखिये आज भी कहीं न कहीं हिंसा हो रही हैं. करीब 350 कैम्‍पों में 60 हजार से ज्‍यादा बच्‍चे, महिलाएं और पुरुष रह रहे हैं. केंद्र को दोनों कम्युनिटी को बैठाकर बात करनी चाहिए. जब तक बैठकर मसले को सुलझाया नहीं जाएगा, तब तक शांति नहीं लौटेगी. मैं खुलकर बोल रही हूं. मुझे बहुत दुख है, लोगों के घर जल गए हैं. मुझसे लोग पूछते हैं कि कब तक शांति स्‍थापित हो पाएगी. मैंने कभी जिन्दगी में ऐसी हिंसा नहीं देखी.’

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